Lord Krishna Quotes in Hindi- संसार भर में भगवान श्रीकृष्ण के उपदेशों और मार्गदर्शन से प्रेरित लोग नहीं सिर्फ धार्मिक तत्वों को समझने के लिए बल्कि जीवन में सही मार्ग की खोज में भी लगे रहते हैं। उनके विचार और उपदेश समय-समय पर लोगों को मार्गदर्शन प्रदान करते हैं और उन्हें जीवन में सफलता और सुख की दिशा में आगे बढ़ने का साहस देते हैं।
यहां 25 बेहतरीन भगवान श्रीकृष्ण के अनमोल विचार जो उनके द्वारा कहे गए हैं, जो हिंदी में हैं और उनके अंग्रेजी अनुवाद सहित उपलब्ध हैं।
“कर्म का फल देने वाला भगवान है, कर्म का फल मतलब नहीं लेना चाहिए।” – भगवद गीता
“The Almighty bestows the fruit of actions; one should not be concerned with the results.” – Bhagavad Gita
“जो कुछ भी होता है, अच्छे के लिए होता है।” – भगवान श्रीकृष्ण
“Whatever happens, happens for the good.” – Lord Shri Krishna
“कर्म करो, फल की इच्छा मत करो।” – भगवान श्रीकृष्ण
“Perform your duties without expecting the fruits of the actions.” – Lord Shri Krishna
“कर्म का फल केवल कर्म को ही प्राप्त होता है, फल के लिए नहीं।” – भगवान श्रीकृष्ण
“One receives the fruit of action according to the action performed, not for the result.” – Lord Shri Krishna
“जो आपका अधिकार है, वह आपका होता है। जो नहीं है, वह आपका नहीं होता।” – भगवान श्रीकृष्ण
“What is yours will always be yours; what is not, will never be.” – Lord Shri Krishna
“मैं अर्जुन के साथ हूँ।” – भगवान श्रीकृष्ण
“I am with Arjuna.” – Lord Shri Krishna
“कर्म का फल केवल कर्म को ही प्राप्त होता है, फल के लिए नहीं।” – भगवान श्रीकृष्ण
“One attains the fruit of action as per the action performed, not for the result.” – Lord Shri Krishna
“भगवान हमें जीवन में उस चीज के लिए नहीं भेजते जो हम चाहते हैं, वरन् उसे भेजते हैं जो हमें जरूरत है।” – भगवान श्रीकृष्ण
“The Almighty doesn’t send us what we desire, but what we need.” – Lord Shri Krishna
“जो कर्म आपको डराता है, वह आपको सिखाता भी है।” – भगवान श्रीकृष्ण
“The action that frightens you also teaches you.” – Lord Shri Krishna
“जो लोग भक्ति और प्रेम में विश्वास रखते हैं, उन्हें मैं हमेशा सहारा देता हूँ।” – भगवान श्रीकृष्ण
“Those who have faith in devotion and love, I always support them.” – Lord Shri Krishna
“सभी चीजें मुझमें समाहित हैं।” – भगवान श्रीकृष्ण
“Everything resides within me.” – Lord Shri Krishna
“मैं वो सब कुछ हूँ जो व्यक्ति मेरें स्वरूप के अनुसार मानता है।” – भगवान श्रीकृष्ण
“I am whatever a person believes me to be, according to their nature.” – Lord Shri Krishna
“हम वही होते हैं जैसा हम अपने आप को सोचते हैं।” – भगवान श्रीकृष्ण
“We become what we think about ourselves.” – Lord Shri Krishna
“जीवन एक खेल है, इसे खेलो।” – भगवान श्रीकृष्ण
“Life is a game, play it.” – Lord Shri Krishna
“अपने अर्थात् देह और आत्मा में यदि तुम्हें अंतर्निहित जाना है तो तुम्हें मैं भी मिलूँगा।” – भगवान श्रीकृष्ण
“If you want to know the difference between body and soul, you’ll find me there too.” – Lord Shri Krishna
“जीवन में जो कुछ भी होता है, वह अच्छे के लिए होता है।” – भगवान श्रीकृष्ण
“Whatever happens in life, happens for the good.” – Lord Shri Krishna
“कभी-कभी तुम्हारी विचारशक्ति ही तुम्हारे खुद के शत्रु होती है।” – भगवान श्रीकृष्ण
“Sometimes, your own mind can be your worst enemy.” – Lord Shri Krishna
“कर्म का फल केवल कर्म को ही प्राप्त होता है, फल के लिए नहीं।” – भगवान श्रीकृष्ण
“One attains the fruit of action according to the action performed, not for the result.” – Lord Shri Krishna
“अपने कर्म में ही भगवान का दर्शन होता है।” – भगवान श्रीकृष्ण
“Seeing God lies within one’s own actions.” – Lord Shri Krishna
“जो मैंने आत्मा को तोड़ने वाले कर्म नहीं किये हैं, वह कर्म मुझे नहीं बाँधते।” – भगवान श्रीकृष्ण
“Actions that do not harm the soul do not bind me.” – Lord Shri Krishna
“हम वो बनते हैं जो हमारे विचार होते हैं।” – भगवान श्रीकृष्ण
“We become what we think.” – Lord Shri Krishna
“भगवान हर जगह हैं।” – भगवान श्रीकृष्ण
“God is everywhere.” – Lord Shri Krishna
“शांत और ध्यानयुक्त जीवन में विजय प्राप्त होती है।” – भगवान श्रीकृष्ण
“Victory is attained in a calm and meditative life.” – Lord Shri Krishna
“विश्वास और प्रेम से भरा हुआ मन हमेशा सुखी रहता है।” – भगवान श्रीकृष्ण
“A heart filled with faith and love always remains content.” – Lord Shri Krishna
“कर्म का फल केवल कर्म को ही प्राप्त होता है, फल के लिए नहीं।” – भगवान श्रीकृष्ण
“One receives the fruit of action according to the action performed, not for the result.” – Lord Shri Krishna
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